भाजपा विधायक श्री केदार गुप्ता को सवालों से डर लगता है!


प्रणाम।

बिहार में चुनावी मंच सजने लगा है, और तभी चुपके से कोरोना के शोर को दबाया जा रहा है, सोशल डिस्टेंसिंग को भुलाया जा रहा है और हर रोज केंद्र से कुछ नए योजनाओं का घोषणा हो रहा है, जिसमें गांधी सेतु के पैरलल पुल, दरभंगा में AIIMS और अब IIM की घोषणा है। वहीं नीतीश कुमार वैशाली को रघुवंश के सपनों सा बनाने की बात कर रहे है पर ये भविष्य की बाते है, घोषणाएं है, जिसका हश्र सवा लाख करोड़ के पैकेज की तरह हो सकता है, इन वायदों का हाल मुजफ्फरपुर को बेचे गए “हवाईअड्डे के सपने” की तरह भी हो सकता है! आप पूछिये की स्मार्ट सिटी के घोषना बाद से शर्माजी का फायदा हुआ है या जनता का? विडम्बना यह है कि सत्ताधारियों को जैसे केंद्र में राहुल का सपोर्ट है वैसे ही बिहार में लालू के लालो का और तभी देश और राज्य में विकास की गंगा और गंडक बह रही है, जिसमे अब बिहार बहने लगा है!

ख़ैर पोस्ट का उद्देश्य आपको आज की एक घटना के बारे में बताना है जो हमारे पंचायत खरौना डीह में घटित हुई है। दरअसल आज माननीय विधायक श्री केदार गुप्ता जी ने अपने जनसम्पर्क कार्यक्रम के तहत ग्रामीणों से मिलने के लिए रामजानकी मठ पर एक बैठक बुलाई थी जहाँ गिने चुने लोग, जिनमे अधिकांश अनुभवी पोलिंग एजेंट थे और कुछ युवा जिनको सिस्टम से रोष है और जो अब अपने नेता से नाउम्मीद हो रहे है, मौजूद थे। यह मीटिंग वैसे तो मोनोलॉग ही होना था, बोले तो ‘मन की बात’ की तरह, जहाँ आप सिर्फ सुन सकते है पर इस मोनोलॉग को डायलॉग में बदलने का साहस किया स्थानीय युवा श्री सुमित कुमार ने, जिन्होंने माननीय से बड़ी शालीनता से किंतु एक कठिन प्रश्न पूछा कि आपने शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए कौन-कौन से प्रयास किये और इस मुद्दे पर क्या आपने कभी सदन में आवाज उठाई है? सुमित के इस प्रश्न का नेताजी ने तो कोई उत्तर नहीं दिया, और सवाल पूछे जाने के बाद भी इस चुप ही रहे और कहा कि आइये डेरा पर जवाब देंगे और फिर उनके माइक पकड़े कार्यकर्ता ने सुमित के आरोप को मान लिया और स्वीकारा कि मिडडे मिल में धांधली हो रही है और फिर चपलता के साथ उसने माननीय से आग्रह कर दिया कि वो इसके सुधार पे ध्यान दे!

तो कुल खबर ये है कि अब आपके प्रश्नों का जो नेता उत्तर देना भी उचित न समझे क्या आप उसके लिए झंडा ढोना उचित समझते है? क्या सुमित का प्रश्न उसके व्यक्तिगत लाभ का मसला था, जो वहाँ मौजूद अन्य महानुभावों ने विधायक जी से इसपर बोलने के लिए नहीं कहा? क्या किसी और को अपने नेता से कोई उम्मीद कोई प्रश्न नहीं था??

हो सकता है केदार गुप्ता जी आज अपना होमवर्क बिना किये ही जनसम्पर्क के लिए आ गए हो, तो क्या हम उम्मीद करे की अगली बार जब आप गाँव आएंगे तब, या फिर आपके कार्यकर्ता/ भावी पोलिंग एजेंट्स हमें बताएंगे कि

१. आपने कुढ़नी की समस्याएं, हमारी चिंताओं को कितनी बार विधानसभा में रखा, वो मुद्दे कौन थे?
२. बेरोजगारी दूर करने के लिए आपने और आपकी सरकार ने क्या पहल किया है कुढ़नी में?
३. सरकारी विद्यालयों की व्यवस्था देंखने आप कितनी बार गए, क्या आपने फ़र्जी टॉपर फर्जी शिक्षक बनाते सिस्टम के खिलाफ कुछ किया है?
४. किसानों की सुध लेते है आप, क्या आप बताएंगे आपने 5 साल में फूड प्रोसेसिंग, स्टोरेज, सॉइल टेस्टिंग जैसे अत्यावश्यक जरूरतों पर ध्यान दिया कभी?
५. क्या आपने कुढ़नी को शराब मुक्त, अपराध मुक्त बना दिया?
६. आपने अपने कौन कौन से वायदे पुरे किये, हमारे पंचायत में विधायक निधि से कितना काम कराया आपने?
७. भ्रष्टाचार मुक्त समाज के लिए आपकी जवाबदेही कितनी है जबकि सरकार के सात निश्चय के अंतर्गत सभी योजनाएं सिर्फ़ लूट का माध्यम बन गयी है. शौचालय, नलजल, सड़क, सोख्ता ईमानदारी कहाँ है? बताएंगे!
जय खरौना
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नोट- यह पोस्ट किसी अन्य दल को क्लीन चिट नहीं देता है।

कौन है ये लोग जो अब भी नाहर पर हगने जाते है?


शीर्षक देख कर नाक मत सिकोड़िये यह एक शीर्षक भर नहीं है बल्कि एक मासूम सवाल है जो आज हमारे एक भाई ने हमसे तब पूछा था जब हमने उससे SwachhApp में दिए गए जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि गाँव मे मोदीजी के स्वच्छ भारत संकल्प के तहत अब हर घर मे निजी शौचालय की व्यवस्था कर दी गई है। यहाँ मैंने पूर्णविराम लगा लिया है पर उसने मेरे विराम से पहले ही यह प्रश्न पूछा था कि जब सबका शौचालय बन गया है तब ये कौन लोग है जो अब भी नाहर पर हगने जाते है? हमारा जो ऐसे लोगो के लिए अनुमान है मैंने वही उनसे उत्तर में दिया कि हो सकता है ये वो नवाबी लोग हो जिन्हें मैदान के लिए मैदान ही चाहिए होता हो 😊

ख़ैर ऊपर के बकवास बातों को कीजिये नजरअंदाज और एक डेटा देखिये-

स्वच्छ भारत के अंतर्गत भारत मे 2 अक्टूबर 2014 के बाद से लगभग 10 करोड़ 38 लाख, बिहार में लगभग सवा दो करोड़, मुजफ्फरपुर में लगभग 55 लाख, कुढ़नी में लगभग 44 हजार और हमारे खरौना डीह पंचायत में 1076 शौचालय 2 October 2014 के बाद से बना है और और इनकी संख्या कुल शौचालयों का 72% है, मतलब ये की गाँव में लगभग एक चौथाई लोगों के पास ही पहले से शौचालय था(?) प्रश्नवाचक चिन्ह डेटा के लिए पर हाँ एक बात ये सही है कि बहुत लोगों ने इस योजना का लाभ लिया है जिनके नाम अगर आप SwacchApp इनस्टॉल करते है तो आसानी से मिल जाएगा। कुछ को तो दो दो बार भी मिल गया है ऐसा प्रतीत होगा आपको, अगर आप नाम से सर्च करते है तो ममता देवी पति गोविंद पासवान ऐसा ही एक नाम है जिसकी तीन एंट्री है और दो में लाभ मिला है।

खैर अब हमारा पंचायत ODF declared पंचायत है, बोले तो खुले शौंच से मुक्त घोषित हो चुका है उसके बावजूद भी लोग सड़क किनारे हग रहे है ये बहुत गलत है और इनमें सबसे ज्यादा गंदगी नहरों पर है, जिसे मोदी कि के करोड़ो के कैंपेन का और हमारे तीखे शब्दों का असर नहीं होगा क्योंकि कहीं भी बैठ जाना आदत हो गया है, है ना?

ख़ैर, अब आप अगले पैरा में खरौना फेसबुक पेज के पोस्ट पढ़िए या ब्रेक लेकर चाहे तो कमीशन के अमाउंट की गणना/अनुमान करने को भी आप स्वतंत्र है! यदि आपका काम बिना किसी घुस के हुआ है तो अपने नेता को हमारे तरफ़ से धनबाद और राँची गिफ्ट कीजिये और अपने ईमानदार नेता के बारे में हमे भी बताइये ताकि उनके लिए हम कुछ लिखे। जागरूक जनता जोरदार प्रचारक होता है 😉 सच्ची! 😛

(आगे खरौना फेसबुक पेज का पोस्ट है, फुर्सत में है तभी पढ़िए वरना अपना समय ट्रम्प के लिए लगाइये We Need Him For 4 More Years )

प्रणाम!
उम्मीद है आप सब eGramSwaraj App में दिए हुए सूचना को जानकर हतप्रभ हुए होंगे, कुँवा कहाँ कहाँ खुदेगा, सोख्ता कहाँ बनेगा और कचड़ा प्रबन्धन के लिए कौन कौन से तरकीब किये जायेंगे इसको लेकर आप प्रबुद्धजन अपने अपने विचार ग्राम सभा मे रखने के लिए उत्सुक भी हो रहे होंगे और कुछ अत्यधिक व्यस्त बन्धु कमला हैरिस को जिताने के लिए अपनी प्रतिबद्धता के कारण अब तक इसको इंस्टाल न कर पाए हो पर शायद 3 नवम्बर बाद वो भी हमारे यहाँ बहते विकास के गंडक को देख कर फुले न समायेंगे ऐसा ट्रम्प टीम को लगता है। 😊

खैर यह पोस्ट आपको एक और App के बारे में जानकारी देने के लिए है जिसका नाम है SwachhApp जो भारत सरकार के Department of Drinking Water And Sanitation के द्वारा उपलब्ध है जहाँ से आप न केवल शौचालय लाभार्थियों की सूचि देख सकते है बल्कि अपने गाँव की स्वच्छता के लिए वोट भी कर सकते थे।
इनस्टॉल के लिए नीचे क्लिक करे
https://play.google.com/store/apps/details?id=nic.rws

अब तक किसी ने रेटिंग नहीं दिया था, एडमिन ने श्री गणेश कर दिया है बाकी अब उन बन्धुओ के भरोसे जो ट्रम्प के चुनाव प्रचार से या रिया की टेंशन से फुर्सत निकाल कर SwachhApp को एक बार देखेंगे और रेट अवश्य करे। बाक़ी जानकारी मुफ्त है।

पोस्ट पढ़ने वालों के लिए एक सूचना ये भी है कि इस पेज के पाठकों की जानकारी बढाने के साथ साथ उनको पेज से जोड़े रखने के लिए हम जल्द ही एक क्विज कराएंगे, सिलेबस हमारा पोस्ट ही होगा 😉 अहम सिलेबास्मी!! कुछ क्रिएटिव भाई साथ आएंगे तो हौसला बढ़ेगा 🙂

SwachhApp has data of all the beneficiaries and, is also useful to Rate the cleanliness of your village. Have a look once. To install click below.
https://play.google.com/store/apps/details?id=nic.rws

Jai Kharauna

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विकास की बहती गंडक में नहाया खरौना डीह पंचायत


प्रणाम।
यह पोस्ट थोड़ी लम्बी होगी अतः व्यस्त बन्धुजन चाहे तो स्क्रॉल करे पर अगर आप भी मेरी तरह गाँव से दूर रहकर भी गाँव मे हो रहे विकास कार्यों के बारे में जानना चाहते है तो यह पोस्ट आपके लिए ही है। हम और आप हमेशा चाहते थे कि हमारे पंचायत में हो रहे विकास कार्यों के बारे में जानकारी मिले पर इसके लिए अख़बार में जगह थी नहीं, लोकचर्चाओ में, अलाव पर, चाय पर, भोज में, और तमाम तरह के आपसी गप्प में भी अब सब मोदी और ट्रम्प को ही डिस्कस करते है तो बेचारे वार्ड मेम्बर के कार्य की समीक्षा, उनके द्वारा हो रहे उत्कृष्ट कार्यो की सराहना कौन करे?? और अब जब आप पूछेंगे नहीं तो वो बेचारे बताएंगे कैसे? वो मोदीजी जैसे बड़बोले तो है नहीं ! वैसे पिछले का पता नहीं पर अगला आमसभा क्या ऑनलाइन होना चाहिए इसपे आप जरूर चर्चा कीजिये, हम परदेसिये भी आ जाएंगे फिर तो और आगर इसके लिये ट्रेनिंग की जरूरत हुई तो वह भी उपलब्ध करा देंगे! क्लिक भर की दूर रहेगी तब तो और फिर हम सब के लिए आपने नेतवन के साथ जुमियाने का अलगे तज़ुर्बा रहेगा, है कि नही 😉

वैसे जब तक आमसभा होता नहीं तब तक आप चाहे तो प्लेस्टोर से eGramSwaraj एप्प इंस्टॉल कर सकते है जो कि Ministry of Panchayati Raj, Govt of India द्वारा उपलब्ध कराया गया है, और वहां से आपको आपके पंचायत के लिए आवंटित राशि की सूचना मिल जाएगी। उसी एप्प से मैंने भी अभी अभी कुछ जानकारी ली है जो नीचे दे रहा हूँ, इसकी पुष्टि आप eGramSwaraj App को इनस्टॉल कर चेक कर ले।

पंचायत- खरौना डीह को आवंटित राशि (कुल)
वित्तीय वर्ष 2017-18 = 91,05,800
वित्तीय वर्ष 2018-19 = 47,46,700
वित्तीय वर्ष 2019-20 = 65,41,173
वित्तीय वर्ष 2020-21 = 97,46,121

योजनावार
नल जल योजना में आवंटित राशि
वार्ड नं 14 = 26,89,000(2017-18)
वार्ड नं 6 = 18,76,000(2017-18)
वार्ड नं 8 = 25,14,000(2017-18)
वार्ड नं 9 = 20,54,000(2018-19)
वार्ड नं 1 = 19,47,700(2018-2019)

PCC कार्य
वार्ड 14 = 5,62,000 (2017-18)
वार्ड 9 = 2,23,000 (2017-2018)
PCC KARYA** = 3,72,000 (2018-19)
PCC KARYA** = 3,72,600 (2018-19)
PCC KARYA** = 9,00,000 (2019-20)
PCC KARYA** = 15,00,000 (2019-20)
PCC KARYA** = 15,00,000 (2019-20)
PCC KARYA** = 26,41,173 (2019-20)
(** App में वार्ड या कोई डिटेल नहीं है बस पीसीसी कार्य लिखा है, सहयोग उनका भी समझिए 😉 )

वित्तिय वर्ष 2020-21 के लिए आवंटित राशि 97,46,121 (कुल)
१. कुंआ निर्माण# – 13,56,000
२. शौचालय निर्माण – 28,11,000
३. कुंआ निर्माण# – 14,69,000
४. कचड़ा प्रबंधन – 13,60,000
५. शोखता निर्माण – 16,75,000
६. कुआं निर्माण- 21,47,000
(# app में कार्य डिटेल में KUWN NIRMAN मेंशन है उम्मीद है कुंआ ही है 😉 )

हां तो लगभग एक करोड़ का कार्य इस साल हो रहा है, उम्मीद है लोकल के लिए वोकल होते हुए स्थानीय लोगो को इन विकास कार्यों को कराने के लिए रोजगार का अवसर मिला होगा और मुख्यमंत्री निश्चय योजना के अंतर्गत नल जल योजना के फलित हो जाने के बाद अब सभी लोग नल का जल ले रहे होंगे, पर फिर जब नल आ गया है तो इस साल दो कुआं क्यो?

इसे समझने के लिए आइये हम सब अपने कर्मठ और ईमानदार नेताओं से वीडियो कांफ्रेंस कर जानकारी देने का आग्रह करे। कर सकते है या हम सभी अभी ट्रम्प को अगले 4 साल फिर बनाये रखने के लिए ही 3 नवम्बर पर फोकस करेगे, क्या बोलते है?

वैसे बता दूं eGramSwaraj App 10 MB से कम का है आप अवश्य इंस्टाल कीजिये और खरौना डीह में बहते विकास की तीव्र गति को यहाँ के इंटरनेट स्पीड से कम्पेयर कीजिये, विकास जीतेगा ऐसा मेरा मत है!

शुभ रात्रि!(सारे डेटा App से लिये गए है और टाइपिंग को प्रूफरीडिंग कराया है, और जिनको पक्का जानकारी चहिय्ये आमसभा का इंतजार करे या RTI मर्ज़ी आपकी। और एक महत्वपूर्ण बात इसके अलावा भी बहुत से विकास काम हुए है, गुप्ताजी का शिलान्यास, कोरोना फंड, बाढ़ राहत इससे जुड़ी जानकारी भी नेताजी से पूछना चाहिए है कि नहीं?

जय श्री राम।)

App इंस्टॉल करने के लिए नीचे क्लिक करे।

https://play.google.com/store/apps/details?id=nic.in.unified

ये सर्द सुबह है धुंध भरा…


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Life iz Amazing

Related imageये सर्द सुबह है धुंध भरा,
सबकुछ मानो जमा परा,
धुंध ने धरती को आकाश बना,
चहुओर बादल है भरा,
इन बादलो में देख पाना,
था घर से निकलते वक़्त का भूल मेरा।

इस सर्द की कठुरता का,
खैर मुझे कोई मलाल नहीं,
इन बादलों के पार नयी दुनिया है,
दिल को ये विश्वास है,
मेरा है वो कर रही इन्तेजार,
उससे मेरी ये आस है।

उसी दुनिया से मिलने की ख्वाहिश,
इन बादलों में लेके आयी है,
बढ़ रहा मंजिल की और,
उम्मीदे के पर लिए हुए,
अगले पल में ही मिल जाएगी वो,
ऐसी ही कुछ हसरत लिए हुए।

इन रास्तो से पहले भी गुजरा हूँ,
मै हजारों बार,
पर धुंध से ऐसी सजावट,
देखी है पहली बार।
नयी दुनिया की राह बादलों से, सोचा था,
आज हो रहा ऐतबार।

वो रोज के मिलने वाले आज,
इन बादलों में दिखे नहीं,
चिड़ियों के चहकने की आवाज,
आज हमने…

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तेरी यादें, तेरी बातें, तेरा चेहरा ए सनम..


Life iz Amazing

teen-couple-embracingतेरी यादें, तेरी बातें,
तेरा चेहरा ए सनम..
होता तन्हां या भीड़ में कहीं,
होते है ये संग सनम..
तेरी यादें, तेरी बातें,
तेरा चेहरा ए सनम.

घोले मिश्री कानों में जो,
वो तेरी बातें है सनम..
धुप में भी जो भिंगोये,
वो तेरा प्यार है सनम..
तेरी यादें, तेरी बातें,
तेरा चेहरा ए सनम..

है जिसका इन्तेजार,
जो हर पल पास,
वो तेरा प्यार है सनम..
खोने की जिसमें है हसरत,
जिससे सारे ख्वाब सजाये,
वो तेरी चाहत है सनम..

तेरी नजरें, तेरी जुल्फें,
तेरा चेहरा ए सनम..
दिखता खाली, या गूम सा कहीं,
उलझा हूँ इनमें सनम,
तेरी नजरें, तेरी जुल्फें,
तेरा चेहरा ए सनम..

होता खोया ख्वाब में कहीं,
या की तेरी यादों में मैं,
मुस्कुराता हूँ उन पलों में,
होती जब तुम संग सनम..
तेरी नजरें, तेरी जुल्फें,
तेरा चेहरा ए सनम..

न कहो तुम वो सुनु मैं,
ऐसा रिस्ता है सनम,
पाऊं तुझको, खोऊ उनमें,
है ये हसरत…

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बिहारी हूँ


बिहारी हूँ,
मेहनत करता हूँ, पर पंजाब में,
फैक्ट्री लगाता हूँ, पर मौरीसस में,
आईएएस, आईपीएस, नेता खूब बनता हूँ,
और जब शांति से जीना हो तो दिल्ली, बंगलौर, मुंबई शिफ्ट करता हूँ..

Life iz Amazing

sunny-kumarबिहारी हूँ,
मेहनत करता हूँ, पर पंजाब में,
फैक्ट्री लगाता हूँ, पर मौरीसस में,
आईएएस, आईपीएस, नेता खूब बनता हूँ,
और जब शांति से जीना हो तो दिल्ली, बंगलौर, मुंबई शिफ्ट करता हूँ..

बिहारी हूँ,
हर साल छठ में अपने घरवालों से मिलने आता हूँ,
उनको मुंबई, गुजरात, दिल्ली की समृद्धि सुनाता हूँ,
मिलता हूँ बिछड़ो से, कोसता हूँ नेताओं को,
फिर छुट्टी ख़तम, ट्रेनों में ठूस-ठूसा कर प्रदेश लौट जाता हूँ..

बिहारी हूँ,
बुद्ध, महावीर, जानकी से लेकर
चाणक्य, मौर्य, अशोक आर्यभट तक पे इतराता हूँ..
पिछड़ गया हूँ प्रकृति पथ पर,
पर राजेन्द्र, दिनकर, जयप्रकाश की बातों से खुद को खूब लुभाता हूँ..

बिहारी हूँ,
पढ़ लिख कर बिहार छोड़ पलायन का राश्ता चुनता हूँ,
राजनीती भी समझता हूँ पर मैं परदेशी वोट गिरा नही पाता हूँ,
ठगा जा रहा हूँ वर्षों से फिर भी जाति मोह से उपर नही उठ पाता हूँ,
खुद कुछ खास कर नही…

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Happy Valentine Day


You are lucky if you don’t need words to say your feelings. Let me be honest and tell you all that today i wished my both love, My wife and My Ex.. To wish my wife i don’t need any words, even she doesn’t believe in this materialistic   /cosmetic day but on other side i had to type a lot to wish my Ex…
On this day, which is believed to be lover’s day may you all find your soul mate with whom you can make your Life Amazing.
Love to All.
Sunny Kumar

Bhoj (भोज)


खरौना की कई विशेषता है, कई बातें है जो हमें राज्य के अन्य गाँवों से बेहतर बनाती है पर मुझे जो हमेशा से भाता रहा है वह है गाँव में होने वाला भोज. भोज को लेकर गाँव में खूब उत्साह होता है, आज भी लोग भोज से ही किसी समारोह की सफलता को आंकते है और हमारे गाँव का भोज विशेषकर दही चुरा तो मशहूर ही है.. खरौना के लोगों का दही-चुरा से प्रेम भी जगजाहिर है..तो आइये आज उसी भोज की कुछ अच्छी बातें यहाँ आप सब से बांटते है.

Life iz Amazing

kharaunaखरौना की कई विशेषता है, कई बातें है जो हमें राज्य के अन्य गाँवों से बेहतर बनाती है पर मुझे जो हमेशा से भाता रहा है वह है गाँव में होने वाला भोज. भोज को लेकर गाँव में खूब उत्साह होता है, आज भी लोग भोज से ही किसी समारोह की सफलता को आंकते है और हमारे गाँव का भोज विशेषकर दही चुरा तो मशहूर ही है.. खरौना के लोगों का  दही-चुरा से प्रेम भी जगजाहिर है..तो आइये आज उसी भोज की कुछ अच्छी बातें यहाँ आप सब से बांटते है.
खरौना, २२ टोला का गाँव,  जहाँ समय के  साथ भोज के तौर तरीके भी खूब बदले है पर इसका क्रेज और दही प्रेम अब भी वही है, हाँ पहले की तरह एक एक हरीया(मिटटी का बर्तन जिसमे १० से १२ लिटर दूध का दही जमा सकते) दही खाने वाले धुरंधर अब नही है और न ही खुद से भोजन…

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Activities in Kharauna – November’15


सफलता और सृजनता के पूरक शिक्षक, समाजसेवक श्री देवनन्दन चौधरी का परिचय


स्वनाम धन्य महान शासक भारत द्वारा अपनी महिमा से मण्डित इस देश का इतिहास अत्यन्त सम्पन्न रहा है। राम-कृष्ण की इस भरत भूमि पर एक से बढ़कर एक वीर पैदा हुए, महात्माओं की यह भूमि जिसने कई सौ सालों की गुलामी की बेड़ियां तोड़ गरीबी, लाचारी असमानता से लड़ते हुए आज फिर से हमें आत्म निर्भर बनाया है उसमे लाखों लोगों की मेहनत लगी, आइये आज इस पोस्ट के माध्यम से हम और आप जानते है ऐसे ही एक वयोवृद्ध हस्ती के बारे में जिनका जीवन हम ग्रामवासियों के लिए एक प्रेरणा है..
श्री देवनन्दन चौधरी, जिनका जन्म 31 अक्टूबर 1928 को पिता नत्थू चौधरी एक साधारण किसान और माता सुधा देवी गृहिणी के यहां हुआ। एक साधारण कृषक परिवार(खरौना डीह) में जन्मे श्री चौधरी ने अपने जीवन का बहुत सा अंश भारतीय स्वतन्त्रा प्राप्ति से लेकर समाजसेवा में समर्पित किया है। 1948 में देवघर से प्रवेशिका परीक्षा तथा पुनः 1952 में साहित्य भूषण की उपाधि प्राप्त कर आपने शिक्षा क्षेत्र में अपनी भूमिका स्वीकार की। सन् 1950 में आपने रामबाग मुजफ्फरपुर से शारीरिक परीक्षा प्राप्त किया और उसी वर्ष श्रीमती सुदामा देवी से आपका विवाह हुआ।
बचपन से ही आपके मन में समाजसेवा, जनकल्याण की भावना तथा बड़ों के प्रति सम्मान एवम् छोटे के प्रति स्नेह का भाव देखा गया। राष्टीय जाग्रति ऐसी रही कि 1942 में कक्षा 7वीं के छात्र के रूप में आपने पताही मिडिल स्कूल में अंग्रेजों के कोड़े खाना स्वीकार किया। 1946 में शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त कर 1949 से प्राथमिक विद्यालय शाहपुर पट्टी(साहेबगंज) में शिक्षण का कार्य प्रारम्भ किया। इसी क्रम में कांग्रेसी नेता श्री नवल किशोर सिंह की गुरुता से प्रभावित होकर 1954 से शिक्षक संघ का सेवक बनकर समाज सेवा में तल्लीन हुए। स्थानीय गणमान्य लोगों के सानिध्य में रहते हुए 1964 तक अंचल मंत्री के पद पर सक्रिय रहे। ततपश्चात् पिताजी के मृत्यु उपरांत कांग्रेस प्रतिनिधि के आग्रह पर श्री आनंदी ठाकुर के सहयोग से राजकीय मध्य विद्यालय रुसुलपुर में सन् 1965 से कार्यभार ग्रहण किया। सेवा में पदोनत्ति के बाद 1975-86 तक राजकीय मध्य विद्यालय छपड़ा(अंचल- काँटी) में कार्यरत रहते हुए 31 अगस्त 1986 को अवकाश प्राप्त किया।
औपचारिक सेवा से मुक्ति प्राप्त कर ग्रामीण परिवेश में रहते हुए शिक्षा का विकास के प्रति आकर्षित हुआ और इसी श्रृंखला में एक महाविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव रख यथाशक्ति सहयोग कर श्री बृजनंदन चौधरी विंड देवी महाविद्यालय खरौना में अध्यक्ष पद ग्रहण कर निरन्तर बालक-बालिकाओं को प्रोत्साहित करते रहने का प्रयास करते रहे। किसी भी सामजिक एवम् धार्मिक उत्थान में अपना सहयोग देना आपको अच्छा लगता है। जीवन के 88वें सर्द में पांव रखते हुए भी आप गाँव में हो रही सृजनात्मक कोशिशों में आते रहे है।
आज जो एक अलग कोशिश हो रही है गाँव में उसको भी आपने अपना दर्शन और अपना आशीर्वाद दिया जिसके हम आभारी है। हम आपके स्वस्थ, सुखी एवम् समुन्नत दीर्घजीवन की कामना करते है।
हम है
खरौना के नवयुवक

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