माँ बहुत दर्द सह कर


– Amitabh Bachhan pays tribute to delhi rape victim with his poem. (Must read)

माँ बहुत दर्द सह कर,
बहुत दर्द देकर,
तुझसे कुछ कह पा रही हूँ …

आज मेरी विदाई में जब सखिया मिलने आएँगी…
सफ़ेद जोड़े में लिपटी देख, सिसक सिसक मर जायेंगी…
लड़की होने का खुद पे वो अफ़सोस जताएंगी…
माँ तू उनसे इतना कह देना, दरिंदो की दुनिया में संभल कर रहना…

माँ राखी पर जब भैया की कलाई सुखी रह जायेगी…
याद मुझे कर के जब उनकी आँख भर आएँगी…
तिलक माथे पर करने को रूह मेरा भी मचल जाएगा…
माँ तू भैया को रोने न देना…
मै साथ हूँ हर पल उनसे कह देना…

माँ पापा भी चुप चुप कर बहुत रोयेंगे …
मै कुछ न कर पाया ये कह कर खुद को कोसेंगे…
माँ दर्द उन्हें ये होने न देना,
इल्जाम कोई लेने न देना,
वो अभीमान है मेरा, सम्मान है मेरा…
तू उनसे इतना कह देना…

माँ तेरे लिए अब क्या कहु …
दर्द को तेरे शब्दों में कैसे बांधू…
फिर से जीने का मौका कैसे मांगू…

माँ लोग तुझे सतायेंगे…
मुझे आजादी देने का तुझपे इल्जाम लगायेंगे…
माँ सब सह लेना पर ये न कहना…
“अगले जनम मोहे बिटीया न देना”

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