अपने धुंधले ख्वाबों को,
अपने उलझे सवालों को,
बाँट लूँ तुमसे दिल कहता है..
अपने दिल की हसरत को,
ख्वाबों के इस जन्नत को,
बाँट लूँ तुमसे दिल कहता है..
मेरा जो भी मुझमें है,
ख्वाब तेरा ही उनमें है,
हर शब्द में जिक्र तुम्हारा है,
आँखों में ख्वाब तुम्हारा है,
बतला दू मै सबकुछ आज,
ये दिल मुझसे कहता है..
इस चेहरे की मुस्कान तुमसे है,
और चैन का कारण भी तुम हो..
हर ख्वाहिश में चाह तुम्हारी है,
जीने का अरमान भी तुम ही हो,
बतला दू मै सबकुछ आज,
ये दिल मुझसे कहता है..
तेरी निगाहों में बसने की,
होठों पे तेरे रहने की,
इस दिल की बस ये चाहत है..
तुमसे तुमको मांग लूँ मै,
जी लूं अब सपने साथ तेरे,
ये दिल मुझसे कहता है..
तुम्हे चुरा लूँ दुनिया से,
मै, सैर करा लाऊं ख़्वाबों की,
ये दिल मुझसे कहता है..
मेरे दिल में जो तस्वीर बसी है,
मिलवाऊं मै उससे आज,
ये दिल मुझसे कहता है..
अपने धुंधले ख्वाबों को,
अपने उलझे सवालों को,
बाँट लूँ तुमसे दिल कहता है..
अपने दिल की हसरत को,
ख्वाबों के इस जन्नत को,
बाँट लूँ तुमसे दिल कहता है..
-सन्नी कुमार